कोइ साथे हता, कोइ सामे हता;
दुश्मनो पण जुदा जुदा नामे हता!
भीड़ पड़ता भरोसो हतो जेमनो,
प्रेमथी ए कही ग्या के 'कामे हता'!
आँखमां झेर, हैये छे नफरत भरी;
आपणे केटला साम सामे हता!
शोधतो, थाकतो, हारतो तूं फरे;
क्यां प्रभु कोइ'दि चार धामे हता!?
जोइ अव्वल आ मंज़िल अने भान थ्युं;
आपणे साव छेल्ला मुकामे हता!
: हिमल पंड्या
दुश्मनो पण जुदा जुदा नामे हता!
भीड़ पड़ता भरोसो हतो जेमनो,
प्रेमथी ए कही ग्या के 'कामे हता'!
आँखमां झेर, हैये छे नफरत भरी;
आपणे केटला साम सामे हता!
शोधतो, थाकतो, हारतो तूं फरे;
क्यां प्रभु कोइ'दि चार धामे हता!?
जोइ अव्वल आ मंज़िल अने भान थ्युं;
आपणे साव छेल्ला मुकामे हता!
: हिमल पंड्या